Wednesday, 9 December 2009

किस और कश...!!!

अचानक पीछे से एक जानी-पहचानी आवाज़ मेरा नाम लेकर इतनी ज़ोर से गूंजी जैसे कोई बम फटा हो...! ख़ैर ये बम फटने से कम भी नहीं था। मेरा दोस्त, मेरा कलीग राजेश के चेहरे की ख़ुशी अजब सी पहेली खेल रही थी। मैंने पूछा, हुआ क्या- उसने मेरे हाथ से कॉफ़ी का आधा कप छीनकर डस्टबिन में फ़ेंकते हुए कहा- आज रात की टेंशन दूर हो गई। मैं अब भी नहीं समझ पाया और मेरी सवालिया नज़रें देखकर उसने कहा- चल पहले एक कश लगाकर आते हैं। सिगरेट की दुकान बीस क़दम ही दूर थी, लेकिन मेरे दिल की बेचैनी सैकड़ों उछालें मार रही थी। दो सिगरेट सुलग उठीं और उसके बाद हम दोनों ने अपने होठों से लेकर कलेजे तक को सिगरेट के सुरूर में डुबोना शुरू कर दिया। आधी से ज़्यादा सिगरेट ख़त्म हो गई, लेकिन मेरा दिल अब भी राजेश के दिल का `राज़` जानने को बेक़रार था। थोड़ी देर में उसने मुझ पर तरस खाया और बोला यार- बुलेटिन की टेंशन मत ले। अभी दो घंटे बाक़ी हैं। मैं अब भी नहीं समझा। वो थोड़ा धीरे से बोला- अबे करीना को....ने किस किया है। बिल्कुल नया फोटो नेट पर आया है। लेकिन, किसी को मालूम नहीं। पिछली बार तो मैंने शोर मचा दिया था और हमारी ख़बर हमसे पहले वाली प्रोग्रामिंग टीम ने छीन ली थी, लेकिन इस बार मैंने जल्दी से वो फोटो डाउनलोड करके नेट का कनेक्शन हटा दिया है, जब तक बाक़ी लोग कुछ समझेंगे अपना काम हो जाएगा। अब सिगरेट के धुंए का असर मुझ पर होने लगा था। राजेश की बात पूरी होते-होते सिगरेट के आख़िरी कश को कुछ ज़्यादा ही खींच गया और उसकी आंच मेरे होंठों ने महसूस की। मैं धीरे से चीखा...इसससस।
राजेश ने कहा चलो- मैंने कहा नहीं एक-एक कश और हो जाए। फिर से दो सिगरेट के धुंए हवा में तैरने लगे। इस बार मैं कुछ ज़्यादा जोश में था। मैंने पूछना शुरू किया- फोटो कैसा है...? क्रोमा पर फुल फ्रेम वही फोटो कैसा लगेगा...? किसिंग सीन में दोनों की आंखें खुली हैं या बंद...? करीना का चेहरा बिल्कुल साफ़ नज़र आ रहा है या उसमें भी कोई `खेल` हो सकता है...? मुझे बीच में रोकते हुए राजेश बोला-यार तुम तो पूरे किसिंग सीन में डूबने की कोशिश करने लगे। अबे किस मैंने थोड़े ना किया है। पेन ड्राइव में फोटो है, चुपचाप ग्राफिक्स में दे आना और चेहरे से कुछ ज़ाहिर मत होने देना। बुलेटिन के ठीक दस मिनट पहले `कमिंग अप` में सरप्राइज़ देंगे। मैंने पूछा- लेकिन बॉस को क्या बताएंगे। वो बोला- अबे कह देना सर आप रिलैक्स रहिए, बुलेटिन एकदम धांसू जाएगा। मैं थोड़ा रिलैक्स और थोड़ा नर्वस होने लगा। ख़ैर मामला किसिंग सीन का था, इसलिए कॉन्फिडेंट होकर अपने काम पर लग गया। वक़्त बीता और टाइम पर बुलेटिन गया। उम्मीद के मुताबिक़ सबकुछ वैसा ही हुआ। पूरे बाइस मिनट तक `किस के किस्से` पर खूब खेले। बुलेटिन ख़त्म होते ही बॉस ने फोन करके शाबाशी दी। तभी राजेश फिर चीखा- अबे यहीं खड़े हो, चलो...! दोनों फिर से उसी सिगरेट की दुकान पर आ गए और इस बार हर कश किसी किसिंग सीन से ज़्यादा गर्म महसूस हो रहा था।